वर्ण माला काव्य
"वर्ण माला काव्य"
अ से आता अनार,
खाकर पड़ें न कभी बीमार,
आ से होता आम,
खाकर करते रहो आराम,
इ से होती इमली खट्टी,
करना कभी न किसी से कुट्टी,
ई से होती मीठी ईख,
सीखो हमेशा अच्छी सीख,
उ से होता है उल्लू,
कभी न बनाना किसी को उल्लू,
ऊ से होता है ऊन,
मम्मी बुनती स्वेटर ऊन,
ऋ से होता है ऋषि,
ऋषि होते बड़े ज्ञानी ध्यानी,
ए से होती है एड़ी,
होती है डगर टेढ़ी मेड़ी,
ऐ से होता है ऐनक,
दादु पहने नाक पे ऐनक,
ओ से होती ओखली,
खलबत्ते की रहती शान,
औ से होती औरत,
इस जहां में औरत महान,
अं से होता है अंगूर,
खाने में खट्टा मीठा अंगूर,
अ: के तो क्या कहने,
मजा ही आ जाता अ: अहा ।
काव्य रचना- रजनी कटारे
जबलपुर ( म.प्र.)
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
03-Nov-2021 09:12 AM
Nice
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Niraj Pandey
02-Nov-2021 04:15 PM
वाह👌👌
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Swati chourasia
02-Nov-2021 02:44 PM
Very beautiful 👌👌
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