Rajani katare

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वर्ण माला काव्य

                  "वर्ण माला काव्य"

अ से आता अनार,
खाकर पड़ें न कभी बीमार,

आ से होता आम,
खाकर करते रहो आराम,

इ से होती इमली खट्टी,
करना कभी न किसी से कुट्टी,

ई से होती मीठी ईख,
सीखो हमेशा अच्छी सीख,

उ से होता है उल्लू,
कभी न बनाना किसी को उल्लू,

ऊ से होता है ऊन,
मम्मी बुनती स्वेटर ऊन,

ऋ से होता है ऋषि,
ऋषि होते बड़े ज्ञानी ध्यानी,

ए से होती है एड़ी,
होती है डगर टेढ़ी मेड़ी,

ऐ से होता है ऐनक,
दादु पहने नाक पे ऐनक,

ओ से होती ओखली,
खलबत्ते की रहती शान,

औ से होती औरत,
इस जहां में औरत महान,

अं से होता है अंगूर,
खाने में खट्टा मीठा अंगूर,

अ: के तो क्या कहने,
मजा ही आ जाता अ: अहा ।

   काव्य रचना- रजनी कटारे
        जबलपुर ( म.प्र.)

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4 Comments

Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

03-Nov-2021 09:12 AM

Nice

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Niraj Pandey

02-Nov-2021 04:15 PM

वाह👌👌

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Swati chourasia

02-Nov-2021 02:44 PM

Very beautiful 👌👌

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